जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक एनजीओ की आड़ में मानव तस्करी का घिनौना खेल चलाया जा रहा था। खुद को समाजसेवी बताने वाली महिला गायत्री विश्वकर्मा, सामूहिक विवाह के आयोजन के नाम पर अब तक करीब 1,500 से अधिक लड़कियों को बेच चुकी है।
पुलिस ने जयपुर में किया बड़ा खुलासा, 16 साल की किशोरी की हिम्मत से टूटा trafficking रैकेट
पुलिस ने बताया कि गायत्री गरीब और असहाय परिवारों की लड़कियों को शादी के बहाने एजेंटों से ‘खरीदती’ थी और फिर उन्हें दुल्हन की तलाश कर रहे युवकों को 2.5 लाख से 5 लाख रुपये में ‘बेच’ देती थी। लड़कियों की कीमत उनकी उम्र, रंग-रूप और कद के हिसाब से तय की जाती थी।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि नाबालिग लड़कियों की उम्र 18 वर्ष से ऊपर दिखाने के लिए फर्जी आधार कार्ड तैयार करवाए जाते थे, ताकि कानून की नजरों में उनकी शादी वैध लगे।
इस संगठित अपराध का पर्दाफाश तब हुआ, जब उत्तर प्रदेश की रहने वाली 16 वर्षीय किशोरी किसी तरह एक फार्महाउस से भाग निकली और सीधी पुलिस के पास पहुंच गई। उसकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने फार्महाउस पर छापा मारा और मुख्य आरोपी गायत्री विश्वकर्मा सहित उसके तीन साथियों – हनुमान, भगवान दास और महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। ये तीनों किशोरी को खरीदने के लिए फार्महाउस पहुंचे थे।
पुलिस के अनुसार गायत्री के खिलाफ अब तक 10 आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं और यह एक अंतरराज्यीय मानव तस्करी गिरोह हो सकता है, जिसकी कड़ियों को खंगालने के लिए जांच जारी है।
यह मामला केवल मानव तस्करी का ही नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं और सामाजिक संवेदनशीलता का दुरुपयोग करने का गंभीर उदाहरण है। प्रशासन अब उन सभी तथाकथित ‘सामूहिक विवाह’ आयोजनों की जांच कर रहा है जिनका संबंध इस एनजीओ से रहा है।
पूछताछ जारी है, और कई बड़े नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है।
