नई दिल्ली:
देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई ने एक भावुक अनुभव साझा किया जिसने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने कहा —
“एक घटना मेरे ज़ेहन में हमेशा के लिए बस गई है। कुछ महीने पहले मैं अपने साथियों संग मणिपुर के चुराचांदपुर में एक राहत शिविर में सामग्री बांट रहा था। तभी एक वृद्धा मेरे पास आई, उसने हाथ जोड़कर और आंखों में आंसू लिए मुझसे कहा — ‘बने रहो भैया…’”
CJI गवई ने कहा कि उस पल ने उन्हें याद दिलाया कि न्यायपालिका की सफलता का असली पैमाना आम आदमी के भरोसे में है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि न्याय व्यवस्था तभी सशक्त है जब आम नागरिक उसे भरोसे और सम्मान की दृष्टि से देखता है।
इस भावनात्मक पल ने न सिर्फ न्यायपालिका की मानवीय संवेदना को दर्शाया बल्कि यह भी बताया कि देश के सर्वोच्च न्यायाधीश के लिए इंसानियत और संवेदना कितनी अहम हैं।
