बदायूं में सरकारी धन के गबन के एक गंभीर मामले में सीजेएम कोर्ट ने तत्कालीन जिला पंचायत अधिकारी (डीपीआरओ) श्रेया मिश्रा सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। यह मामला फैजगंज बेहटा थाना क्षेत्र के गांव पिसनहारी का है, जहां ग्राम पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं का मामला सामने आया।
ग्राम पंचायत सदस्य रेनू यादव ने सीजेएम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में आरोप लगाया कि गांव की प्रधान ओमवती और उनके पति ऋषिपाल सिंह यादव ने मिलकर पंचायत के धन का दुरुपयोग किया। प्रशासनिक जांच में यह पाया गया कि प्रधान और उनके पति ने श्रमिकों के लिए आवंटित 1 लाख 56 हजार 550 रुपये का गबन किया। यह राशि प्रधानपति ने अपने खाते में तो ट्रांसफर करवा ली, लेकिन श्रमिकों को भुगतान नहीं किया।
जांच कमेटी की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि इस घोटाले में तत्कालीन सचिव स्वर्णकेस और तत्कालीन डीपीआरओ श्रेया मिश्रा की भी संलिप्तता थी। पूर्व एडीजीसी मुकेश यादव की पैरवी में चले इस मामले को कोर्ट ने संज्ञेय अपराध माना है और पुलिस को विवेचना के साथ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है। इस फैसले से प्रशासनिक अमला भी सकते में आ गया है।
