बदायूँ, 25 अप्रैल। उत्तर प्रदेश सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के विकास को प्रोत्साहन देकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नया आयाम दे रही है। कम पूंजी में उद्यम स्थापित कर अधिक से अधिक रोजगार सृजित करने की दिशा में सरकार ने कई अहम पहल की हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में घोषित “एमएसएमई नीति-2022” के तहत रोजगार सृजन में 15 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
नई नीति के अंतर्गत पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र तथा महिलाओं के लिए भूमि क्रय पर 100 प्रतिशत व अन्य क्षेत्रों में 75 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी जा रही है। वहीं उद्यम स्थापना की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए “निवेश मित्र” पोर्टल के माध्यम से सभी अनापत्ति प्रमाण पत्र, लाइसेंस और स्वीकृतियां ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं।
सरकार ने मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद-एक उत्पाद योजना (ODOP) एवं अन्य वित्तपोषण योजनाओं को निवेश मित्र पोर्टल से जोड़ दिया है, जिससे उद्यमियों को आवेदन और अनुश्रवण में सरलता हो रही है। एमएसएमई इकाइयों को 1000 दिन तक निरीक्षण से छूट प्रदान कर प्रोत्साहन का माहौल भी तैयार किया गया है।
प्रदेश में वर्तमान समय में लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाइयां संचालित हैं, जिनमें करीब 2 करोड़ लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। उद्यमियों के विलंबित भुगतान के शीघ्र निस्तारण हेतु राज्य एवं मंडल स्तर पर फैसिलिटेशन काउंसिल गठित की गई है।
इसके अतिरिक्त, आकस्मिक दुर्घटना में उद्यमियों की सहायता हेतु “मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना” लागू की गई है, जिसके अंतर्गत अधिकतम 5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
“एक जनपद-एक उत्पाद” योजना के अंतर्गत ओडीओपी उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए www.odopmart.com पोर्टल लॉन्च किया गया है, जहां 75 जिलों के 1020 से अधिक उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। वर्चुअल वर्कशॉप्स और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से हस्तशिल्पियों को भी सशक्त किया जा रहा है।निर्यात में प्रदेश की भागीदारी बढ़ाने हेतु लखनऊ और ग्रेटर नोएडा में एक्सपो मार्ट की स्थापना की गई है, वहीं भदोही में कार्पेट बाजार विकसित किया गया है। जिला उद्योग और उद्यम प्रोत्साहन केंद्रों को भी आधुनिक स्वरूप में उच्चीकृत किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश को जेम पोर्टल पर सर्वाधिक सरकारी खरीद करने के लिए भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है, जो प्रदेश की औद्योगिक पारदर्शिता और गुणवत्ता का प्रमाण है।
