Haryana Election
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हरियाणा के सबसे पुराने शहर और अंग्रेजों की छावनी रहे अंबाला कैंट में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। यहां का सियासी माहौल निश्चित तौर पर सूबे की राजनीति पर छाप छोड़ेगा। कांग्रेस के टिकट की घोषणा होने के बाद से यहां पर त्रिकोणीय समीकरण बने हैं।
एक तरफ छह बार के विधायक और पूर्व गृह मंत्री रहे अनिल विज हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस से पूर्व पार्षद परविंद्र सिंह परी। उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती विज के बजाय कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय नामांकन भरने वाली चित्रा सरवारा हैं। इसी कारण मुकाबला फिर कांग्रेस वर्सेज कांग्रेस हो गया है।
कांग्रेस भले ही इस बार खुद को यहां से मजबूत मान रही है लेकिन यह फूट फिर से नुकसान पहुंचा सकती है। दूसरी तरफ विज जहां विकास कार्यों का मुद्दा लेकर मैदान में हैं, तो विपक्षी भी विकास में कमियों और उससे लोगों को हो रही परेशानी का मुद्दा भुना रहे हैं। इन तीनों की चुनावी जंग में इनेलो-बसपा के गठबंधन से प्रत्याशी ओंकार सिंह अपना चुनावी गणित लगाकर प्रतिद्वंद्वियों का समीकरण बिगाड़ने में जुटे हैं।
स्थानीय मुद्दों की बात करें तो बड़ी परियोजनाएं जरूर मिलीं लेकिन लोगों की मूलभूत सुविधाओं में अभी भी कोताही दिखाई देती है। अंबाला छावनी में पुरानी अनाज मंडी के पास के गुड़ बाजार, दाल बाजार व पंसारी बाजार में पुरानी दुकानें हैं।