केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी
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लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिकी में दिए बयानों से देश की सियासत का पारा चरम पर है। अब केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उनकी कड़ी आलोचना की और पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना जैसी मानसिकता रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता चाहते हैं कि देश का खून बहता रहे।
क्या बोले थे राहुल गांधी?
दरअसल, अमेरिका यात्रा के दौरान लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने वर्जीनिया में आरोप लगाया था कि आरएसएस कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। भारत में राजनीति के लिए नहीं, बल्कि इसी बात की लड़ाई लड़ी जा रही है। सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है। लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं या एक सिख के रूप में वो गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं। न केवल सिखों के लिए बल्कि सभी धर्मों के लिए यही लड़ाई है।
भारत में सिखों के बारे में कभी बात नहीं की: केंद्रीय मंत्री पुरी
पुरी फिलहाल अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में हैं। उन्होंने सोमवार को संयुक्त राज्य अमेरिका के ऊर्जा सचिव जेनिफर ग्रैनहोम के साथ चर्चा की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘उन्होंने (राहुल गांधी) भारत में रहते हुए कभी सिखों के बारे में बात नहीं की। जब वे सत्ता में थे, तो किस सरकार ने राक्षसों को जन्म दिया। उन्हें आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है कि ऐसा क्यों हुआ। यह पूरी तरह से झूठ पर आधारित एक कहानी है। इसलिए मुझे आश्चर्य नहीं है कि वह ऐसा कर रहे हैं। मगर मुझे लगता है कि मोहम्मद अली जिन्ना के बारे में यह बात है, उन्होंने जो किया, वह यह है कि या तो मुझे वह चाहिए जो मैं चाहता हूं या फिर मैं इसे खत्म कर दूंगा।’
‘जिन्ना की तरह कर रहे काम’
उन्होंने आगे कहा, ‘कुछ मतभेद हो सकते हैं। मगर लोकतंत्र की खूबसूरती इस मुद्दे का बैठकर समाधान करने में है। उन्हें देश के लिए आरएसएस के योगदान को देखना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी सरकार की विचारधारा में एक खास बात राष्ट्र प्रथम है। लेकिन वह (राहुल गांधी) जिन्ना की तरह काम कर रहे हैं। आप इसे तोड़कर बांटना चाहते हैं। मगर मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि हमारी बहुत पुरानी, 5000 साल से अधिक पुरानी, संस्कृति और सभ्यता, यह एक प्राचीन सभ्यता है। मंत्री ने कहा कि इस तरह के लोग इसे तोड़ नहीं पाएंगे और हमें गर्व है कि राष्ट्र को इस पर गर्व है।
मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी की टिप्पणियों से पता चलता है कि बंटवारे का एक कुटिल प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘यह फूट डालने की कोशिश है। मैनें अपने जीवन के 62 साल पगड़ी पहनी है। कड़ा पहना है। हमारे परिवारों में अधिकतर बच्चे पैदा होने के बाद पहली बार कड़ा पहनते हैं। राहुल गांधी ने यह बयान अज्ञानता से दिया है। यह बंटवारे की कहानी बनाने की कोशिश है।’
अमेरिका में रहने वालों को तो सच ही लगेगा…
पुरी ने कहा कि जो भारतीय लोग अमेरिका में काम करते हैं या जो पढ़ते हैं और भारत में संपर्क में रहते हैं। उनको तो यह सच ही लगेगा कि सिखों को पगड़ी पहनना मुश्किल है। जबकि इस पर विश्वास नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि 1984 में कांग्रेस के शासन में ही सिखों के साथ दंगे हुए थे। तब सिखों को पगड़ी पहनने के कारण ही निशाना बनाया गया था। इसके बाद 80 के दशक में एशियाई खेलों के दौरान सिखों को पगड़ी पहनने के चलते बसों से उतार दिया जाता था।
पीएम मोदी ने कई काम किए
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिखों के लिए कई काम किए हैं। चाहे सिखों के नाम काली सूची से हटाने हों या करतारपुर कॉरिडोर को शुरू करना हो या कुछ अन्य काम हों। राहुल गांधी अमेरिका में टिप्प्णी करके सिख समुदाय के बीच असुरक्षा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
पिछले 10 सालों में जो काम हुआ, वह पहले कभी नहीं हुआ
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पिछले 10 साल में भारत में जो काम हुआ है, वह पहले कभी नहीं हुआ। भारत को 2047 तक विकसित बनाने का लक्ष्य है। शहरी खर्च का आंकड़ा 11 गुना तक बढ़ गया है। हम जैव ईंधन और ग्रीन हाइड्रोजन के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को सतत ऊर्जा पर अमेरिका के सहयोग से काफी ताकत मिलती है। अमेरिका-भारत के बीच रणनीतिक ऊर्जा सहयोग साझेदारी है। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने रूस के साथ तेल व्यापार की भी सराहना की।
हर समुदाय की अपनी शिकायतें: पुरी
उन्होंने कहा, ‘हर समुदाय की अपनी शिकायतें हैं। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि बहुसंख्यक समुदाय की भी यही शिकायतें हैं कि उन्हें कभी-कभी अपने ही देश में अल्पसंख्यक समुदाय की तरह महसूस कराया जाता है। अन्य अल्पसंख्यक समुदाय भी हैं। लेकिन लोकतंत्र की सुंदरता यह है कि हमारे पास 96 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं और 68 करोड़ के आसपास वास्तव में मतदान करने आते हैं। यह लोकतंत्र का उत्सव है।’