बदायूँ, 09 अप्रैल 2025:
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण एवं संवर्द्धन को लेकर किए जा रहे सतत प्रयासों का सकारात्मक परिणाम सामने आ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा चलाए गए वृहद वृक्षारोपण अभियान, प्राकृतिक वासों का संरक्षण एवं तकनीकी नवाचारों के प्रयोग से वन्यजीवों की आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
प्रदेश में गत 8 वर्षों में 204.65 करोड़ पौधे रोपित किए गए हैं, जिससे वनावरण में 91 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। वनों के विस्तार और संरक्षण के फलस्वरूप कई दुर्लभ और संकटग्रस्त वन्यजीवों की संख्या में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है।
प्रदेश में राष्ट्रीय पशु बाघ की संख्या 173 से बढ़कर 205 हो गई है, जो कि 18% की वृद्धि है। इसी प्रकार, राज्य पक्षी सारस की संख्या 17,586 से बढ़कर 19,616 हो गई है, जो यह दर्शाता है कि नागरिकों के बीच वन्यजीवों के प्रति स्नेह और संरक्षण की भावना प्रबल हुई है।
इसके अतिरिक्त हाथियों की संख्या भी 265 से बढ़कर 352 तक पहुंच चुकी है। यह सब कुछ वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक वास और आवश्यक संरक्षण उपलब्ध कराने की नीति का ही परिणाम है।
प्रदेश सरकार द्वारा 27 वन्यजीव विहारों और पक्षी विहारों को संरक्षित किया गया है, जहाँ वन्यजीवों को अनुकूल वातावरण प्रदान किया जा रहा है। वर्ष 2022 में प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व ‘रानीपुर टाइगर रिजर्व’ के रूप में चित्रकूट के विन्ध्य पर्वतमाला क्षेत्र में अधिसूचित किया गया।
इसके साथ ही गोरखपुर के कैम्पियरगंज रेंज में ‘रेड हेडेड गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र’ की स्थापना से गिद्धों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। प्रदेश में वेटलैंड्स (आर्द्रभूमियों) की संख्या भी बढ़ी है और उत्तर प्रदेश अब देश में सर्वाधिक 10 रामसर साइट्स वाला राज्य बन गया है।
प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु किए गए इन प्रयासों से न केवल पारिस्थितिकीय संतुलन को सुदृढ़ किया गया है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी की गई है।
