नई दिल्ली, 28 अप्रैल 2025।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने सातवीं कक्षा की इतिहास की पाठ्यपुस्तक में बड़ा बदलाव किया है। नए शैक्षणिक सत्र से छात्रों को अब मुगलों और दिल्ली सल्तनत का इतिहास नहीं पढ़ाया जाएगा। इसकी जगह पाठ्यक्रम में महाकुंभ, मेक इन इंडिया, और अन्य समकालीन विषयों से जुड़े नए अध्याय जोड़े गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, एनसीईआरटी ने यह कदम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम को अधिक समसामयिक, व्यावहारिक और भारत केंद्रित बनाने के उद्देश्य से उठाया है। बदलाव के तहत विद्यार्थियों को भारत की सांस्कृतिक विरासत, आधुनिक विकास परियोजनाओं और वैश्विक स्तर पर देश की बढ़ती भूमिका पर अधिक फोकस कर पढ़ाया जाएगा।
महाकुंभ जैसे अध्यायों के माध्यम से छात्रों को भारतीय परंपराओं और आस्था के सबसे बड़े उत्सवों की जानकारी दी जाएगी, वहीं “मेक इन इंडिया” जैसे विषयों के जरिए आधुनिक भारत के आर्थिक विकास और उद्यमशीलता को समझाया जाएगा।
एनसीईआरटी अधिकारियों ने बताया कि पाठ्यक्रम में ऐसे बदलाव छात्रों को जड़ों से जोड़ने और उन्हें वर्तमान युग की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करने के लिए किए जा रहे हैं।
हालांकि, इन बदलावों को लेकर कुछ शिक्षाविदों और इतिहासकारों के बीच बहस भी छिड़ गई है। कुछ का मानना है कि ऐतिहासिक घटनाओं और शासकों को पूरी तरह हटाना छात्रों के समग्र ऐतिहासिक ज्ञान को प्रभावित कर सकता है।
फिलहाल, नए सिलेबस के तहत तैयार की गई किताबें जल्द ही सभी स्कूलों में वितरित की जाएंगी।
